वन एवं वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान का पर्यटन | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) - Science BE21 वन एवं वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान का पर्यटन | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) | Science BE21 -->

वन एवं वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान का पर्यटन | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)

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वन एवं वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान का पर्यटन
वन एवं वन्य जीव अभ्यारण और राजस्थान का पर्यट

वन एवं वन्य जीव अभ्यारण

  1. आरक्षित वन
    पूर्णतः प्रतिबंधित होते हैं।
    वन्य जीव तथा राष्ट्रीय उद्यान शामिल।
  2. सरक्षित वन
  • आंशिक प्रतिबंध होते हैं।
  • मृग वन तथा आखेट क्षेत्र।
  1. अवर्गीकृत वन
  • लकड़ी काटने तथा पशु चारण जैसी गतिविधियां शामिल।
  • पवित्र वन उपवन शामिल।

जलवायु के आधार पर वनों का वर्गीकरण

  1. शुष्क मरुस्थलीयवन
  2. मानसूनी पतझड़ वन
  3. मिश्रित पतझड़ वन
  4. शुष्क सागवान वन
  5. उपोषण सदाबहार वन

वनस्पति वन

  • सालर वन उदयपुर में स्थित है।
  • पलाश वन राजसमंद में स्थित है।
  • चंदन वन हल्दीघाटी में स्थित है।

राजस्थान के प्रमुख वनस्पति

  1. खेजड़ी
  • इसका वैज्ञानिक नाम प्रोसेसिप सिनेरिया हैं।
  • 31 अक्टूबर 1983 को राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया।
  • चिपको आंदोलन का आदर्श वृक्ष खेजड़ी घोषित किया गया।
  • 1991 में ऑपरेशन खेजड़ा प्रारंभ हुआ, जिसका उद्देश्य मरुस्थलीकरण को रोकना था।

सांस्कृतिक महत्व

  • खेजड़ी को पौराणिक कथाओं में शमी वृक्ष के नाम से जाना गया।
  1. महुआ
  • शराब तथा कोटम प्रथा के रूप में उपयोगी।
  1. पलास
  • ब्यूटीया मोनोस्पर्मा वैज्ञानिक नाम है।
  • जंगल की आग के नाम से प्रसिद्ध।
  1. तेंदू
  • पत्ती से बीड़ी बनाई जाती है।
  • वन आधारित उद्योग।
  • 1974 में राष्ट्रीयकरण

कुछ महत्वपूर्ण अभ्यारण

  1. गजनेर अभ्यारण बीकानेर में स्थित है।
  2. राष्ट्रीय मरू उद्यान
  • जैसलमेर में स्थित है।
  • इसकी स्थापना 1981 में हुई।
  • गोडावण यहां का प्रसिद्ध है।
  1. माउंट आबू सिरोही, जंगली मुर्गा के लिए प्रसिद्ध।
  2. फुलवारी की नाल अभ्यारण, उदयपुर जयसमंद के समीप स्थित।
  3. सीता माता अभ्यारण
  • प्रतापगढ़ में स्थित है।
  • उड़न गिलहरी पाई जाती है।
  • सागवान की अधिकता।
  1. भैसरोडगढ़ बस्सी अभ्यारण
  2. शेरगढ़ अभ्यारण,
  • बारा में स्थित है।
  • परवन नदी के किनारे स्थित है।
  1. जवाहर सागर अभ्यारण, मगरमच्छ की प्रजनन स्थल।
    कोटा में स्थित है।
  2. दर्रा अभ्यारण अथवा मुकुंदरा हिल्स
  • कोटा में स्थित।
  • 2003 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
  • तीसरी बाघ परियोजना से संबंधित।
  • गांगरोनी तोते के लिए प्रसिद्ध।
  1. चंबल अभ्यारण
    मगरमच्छ तथा घड़ियाल के लिए प्रसिद्ध।
    मध्य प्रदेश राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में फैला हुआ।
  2. रणथंबोर अभ्यारण तथा सवाई मानसिंह अभ्यारण
  • 1980 में स्थापित।
  • राजस्थान की प्रथम बाघ परियोजना यहीं से शुरू हुई।
  1. केला देवी अभ्यारण,करौली में स्थित।
  2. रामसागर केसर बाघ अभ्यारण, करौली में स्थित
  3. केवलादेव पक्षी विहार
  • भरतपुर में स्थित।
  • राजस्थान का दूसरा राष्ट्रीयउद्यान।
  • 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
  • यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व धरोहर में शामिल।
  • दूसरी रामसर साइट।
  • साइबेरियन सारस के लिए प्रसिद्ध।
  1. सरिस्का अभ्यारण,
  • अलवर में स्थित।
  • हरे कबूतर के लिए प्रसिद्ध।
  1. नाहरगढ़ अभ्यारण
  • पहला जैविक पार्क।
  1. ताल छापर अभ्यारण
  • चूरू में स्थित।
  • काले हिरण के लिए प्रसिद्ध
  1. कुंभलगढ़ अभ्यारण
  • पाली राजसमंद तथा उदयपुर में स्थित।
  • जंगली भेड़ियों के लिए प्रसिद्ध।
  • पैंथर प्रोजेक्ट से संबंधित
  1. रावली टॉडगढ़ अभ्यारण, अजमेर पाली तथा राजसमंद में स्थित।
  2. रामगढ़ विषधारी अभ्यारण, बूंदी में स्थित।

राजस्थान का पर्यटन

  • विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग।
  • यूनेस्को समिति की सिफारिश पर उद्योग का दर्जा 1989 में दिया गया।
  1. मेवाड़ वागड़ धार्मिक सर्किट, उदयपुर डूंगरपुर बांसवाड़ा से संबंधित।
  2. बुद्धा सर्किट, जयपुर तथा झालावाड़ सम्मिलित।
  3. कृष्णा सर्किट,
  • कृष्ण भगवान से संबंधित।
  • गोविंद जी का मंदिर जयपुर सम्मिलित।
  • खाटू श्याम जी का मंदिर सीकर सम्मिलित।
  • श्रीनाथजी का मंदिर नाथद्वारा सम्मिलित।
  1. मरू त्रिकोण, जोधपुर जैसलमेर बीकानेर से संबंधित।

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वन एवं जीव प्राणी अभयारण्य से क्या आशय है?

  • वन्यप्राणी अभयारण्य-ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित रहते हैं । यहाँ जन्तुओं को अथवा प्राणियों को मारना या शिकार करना अथवा पकड़ना पूर्णत: निषिद्ध होता है। यहाँ संकटापन्न जन्तुओं को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाता है।

वन एवं वन्य जीव संरक्षण क्या है?

  • वन्यजीव संरक्षण को वन्यजीवों को असमान हत्या और अवैध शिकार से बचाने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसमें लोगों को वन्यजीवों के महत्व के बारे में बताकर उन्हें जागरूक करने का अभ्यास भी शामिल है। खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।


वन्य जीव अभयारण्य कौन-कौन से हैं?

  • रणथम्भौर अभ्यारण्य (सवाई माधोपुर) –
  • केवलादेव (घना) अभ्यारण्य (भरतपुर) –
  • मरु राष्ट्रीय उद्यान (जैसलमेर, बाङमेर) –
  • सरिस्का अभ्यारण्य (अलवर) – अन्य पर्यटन स्थल –
  • सीतामाता अभ्यारण्य (चित्तौङगढ़) –
  • बस्सी अभ्यारण्य (चित्तौङगढ़) –
  • चम्बल घङियाल अभ्यारण्य –
  • कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य –


राजस्थान में कुल कितने पर्यटन संभाग हैं?

  • ‣ राजस्थान का नवीनतम पुरातात्विक संभाग अजमेर है। राजस्थान में पर्यटन सर्किट की संख्या 10 है।


राजस्थान में कितने पर्यटन स्थल हैं?

  • अजमेर की ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह। जोधपुर - घंटाघर ,जोधपुर ,मेहरानगढ़ दुर्ग के लिए तथा धोरों के लिए काफी प्रसिद्ध है। बाड़मेर और बीकानेर जो अपनी हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है। जैसलमेर - अपनी हवेलियों तथा रेगिस्तानी धोरों तथा सुनहरे पत्थरों के लिए जाना जाता है


राजस्थान में कौन-कौन सी चीजें देखने लायक हैं?

  • यहाँ के कुछ मुख्य पर्यटन स्थलों में- हवा महल, आमेर किला, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, चोखी धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम व बिरला मंदिर आदि शामिल है। यह शहर सुंदर किलों, मंदिरों व संग्रहालय आदि से अपनी शोभा बढ़ाता है।

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